पटना, 21 August: बंबई उच्च न्यायालय में आज एक उच्च स्तरीय 2008 में मुंबई में 26/11 आतंकी हमले के दौरान जांच की मांग महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे और दो अन्य उच्च पुलिस अधिकारियों की हत्या में याचिका पर केन्द्र और राज्य सरकार नोटिस जारी किया, reports MG.
अनुभवी मधेपुरा से बिहार, राधाकांत यादव में समाजवादी और तीन बार विधायक, 6 अगस्त को उच्च न्यायालय से संपर्क किया था. अदालत ने उसकी याचिका पर जारी किए सुना और उन्हें चार हफ्तों के भीतर की हत्या में एक सक्षम प्राधिकारी के लिए याचिकाकर्ता की मांग का जवाब करने के लिए पूछ रही सरकारों को नोटिस.
करने के लिए अदालत की सूचना के बाद जल्द ही बात कर रहे TCN, राधाकांत यादव ने कहा कि वह अदालत से आग्रह किया कि सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी है कि अदालत के काम के लिए ठीक समझे तरह एक सक्षम प्राधिकारी द्वारा जांच का आदेश. वह अपने कहना है कि करकरे की हत्या के कुछ और अधिक से अधिक नेत्र को पूरा किया है दोहराया.
करकरे हिंदुत्व आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों देश में कुछ आतंक हमलों वह उजागर किया गया था जिनकी भूमिका के लिए एक जाला बन गया था. मुंबई हमले वह 2008 के मालेगांव विस्फोट में हिंदुत्ववादी आतंकवादियों के हाथ उजागर किया था पहले सप्ताह था और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल पुरोहित और अन्य लोगों को गिरफ्तार किया. उन्होंने जांच के लिए धमकी दी थी और पाकिस्तानी आतंकवादियों वह रहस्यमय परिस्थितियों में मारा गया था द्वारा मुंबई हमले के दौरान.
"पुस्तक से प्रभावित कौन मारा करकरे? - भारत में आतंकवाद का असली चेहरा ", पुलिस एसएम Mushrif, एक 70-कुछ Lohiaite यादव के पूर्व इंस्पेक्टर जनरल द्वारा इस वर्ष के शुरू में लिखा एक एक स्वतंत्र तथ्य खोजने समिति के नेतृत्व में एक के गठन की मांग जनहित याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट से संपर्क बैठे या सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश, करकरे को मारने से पहले की घटनाओं में देखो. वह प्रस्तुत किया था कि राज्य के एक आतंकवादी से देश के नागरिकों की रक्षा की तरह एटीएस अधिकारियों की मौत प्रमुख करकरे सहित में घोर विफलता थी. उन्होंने यह भी तर्क था कि पूरे मुंबई आतंकी हमले के एक प्रकरण लेकिन दो अलग अलग हमलों के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.
न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी और न्यायमूर्ति सुरिन्दर सिंह Nijjar की पीठ 12 मई को यादव की जनहित याचिका को अस्वीकार कर दिया था लेकिन उसे करने के लिए उच्च न्यायालय ले जाने की छूट दे दी है. (TwoCircles)